Radha krishna के बारे में 6 रोचक बातें जानिए ।

क्षाबंधन के ठीक 7 दिन के बाद भारत बर्ष में जन्माष्टमी मनाई जाती है । हर कोई इस दिन को भगवान श्री कृष्ण के जन्म के लिए उपवास और ब्रोत किया करते है ।  राधाकृष्ण के साथ जड़ित सभी बात और कहानियाँ भारतीयों,ऒर खासकर हिंदुओं के बीच बहुत लोकप्रिय हैं । फिर भी, भगवान कृष्ण और राधारानी की प्रेम की कहानी ने सैकड़ों वर्षों तक लोगों को मोहित किया है । तो आइए जानते हे भगवान श्री कृष्ण और राधा से जुड़ी कुछ चमत्कारी घटनाओं की चर्चा करते हैं।
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  •  राधा ने भगवान श्रीकृष्ण से कितने साल बड़े थे ?

 भगवान श्री कृष्ण और राधा की उम्र में बहुत बड़ा अंतर था ऒर  श्री कृष्ण ने राधा से छोटे थे । उम्र के अंतर के बावजूद भी उनके दोनों के बीच बहुत प्यार था । राधा की शादी भले ही भगवान कृष्ण से नहीं हुई हो, लेकिन फिर भी राधाकृष्ण का प्रेम को अपने उच्चतम स्तर पर है । राधा ने भगवान श्री कृष्ण से लगभग 3 साल 11 महीने बड़ी थीं और  कहा जाता है कि जब भगवान कृष्ण ने रासलीला की रचना की थी तब वह केवल 7 साल का था । कृष्ण ने 11 साल की उम्र में वृंदावन छोड़ दिया था।
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  •  राधा ओर श्री कृष्ण की 100 बर्ष तक कियु मिलन नहीं हुआ था ?

 जब भगवान श्री कृष्ण ने मथुरा छोड़ दिया तो राधा बहुत परेशान थी । इसलिए उन्होंने अपने पिता के ट्री हाउस में अपना प्रतिबिंब छोड़ दिया और ब्रह्मांड में रहना शुरू कर दिया और वही स्थान को निदिभन कहा जाता है । श्री कृष्ण ने गोपियों के साथ रासलीला कर रहे थे । इस कारण से जब राधा ने ब्रह्मांड में चली गईं, तोब गोप नामक जनेक गोपाल के साथ उसके पिता ने राधा की छाया को शादी कर दिया था ।  इसीलिए गोप ने राधा को श्राप दे दिया की राधा और श्री कृष्ण ने सौ वर्षों तक मिलन नहीं हो पाई थी ।

रासमण्डल में जब राधाकृष्ण की रासलीला होता था, तब वातावरण को रोशन करने के लिए  4 लीटर तेल में दीपक जलाया जाता था । इसलिए, श्री कृष्ण की रास लीला के लिए 9 महान घी की आवश्यकता होती है।

  • कियु श्री कृष्णा से पहले राधा के नाम लिया जाता हैं ? जरूर पढ़िए:-



राधा को गोपाल के द्वारा दिया गया आभिसाप किलिए द्वापर युग का अंतिम दिन, को कुरुक्षेत्र युद्ध पूरा हुआ । कहा जाता है कि उस दिन राधाकृष्ण और गोपीय का एक बहुत बड़ा मिलन हुआ था और गोपियाँ उसके बाद गोलकधाम चली गईं ओर इसीलिए राधा और श्री कृष्ण का प्रेम को इस विश्व में आज भी झुरते हैं । यही कारण से भगवान श्री कृष्ण और राधा का प्रेम को अभी भी सर्वोच्च स्तान की दर्ज़ा दिया जाता हैं । इसी कारण से श्री कृष्ण से पहले राधा का नाम लेते हैं सभी श्रद्धालु ।

  • भगवान श्रीकृष्ण ने अपने गुरु को कोनसा दक्षिणा दिया था । ऐसा दक्षिणा किसी भी शिष्य उनके गुरु को नहीं दिया है?



 भगवान श्री कृष्ण एक ऐसे व्यक्तित थे उसके पुराणों गाथा को कियु आल्योकिक जीवन में भी ओनुभब किया जाता है । आई ए जानते हे कृष्ण ने गुरु सांदीपनि  के शिष्य थे और दखिणा के हिसाब से भगबान श्रीकृष्ण ने गुरु को जो दिया है, वह अभी तक दुनिया के किसी भी शिष्य उनके गुरु को नहीं दिया है । भगवान श्री कृष्ण ने अपने गुरु के मृत्यु पुत्र को जीवित वापस लेकर आए और उन्हें गुरु दक्षिणा दी । भगवान श्री कृष्ण ने वास्तविक चमत्कारी व्यक्तित्व के धनी थे । श्री कृष्ण ना ही केवल गुरु के बेटे को बापस लाये, बल्कि उनकी मां के 6 मृत बेटों से भी उसके साथ जीवित मिलबाये थे ओर श्रीकृष्ण के 6 बड़े भाई हिरण्यकश्यप के पुत्र हे कर पैदा हुए ।

  • कृषि केलिए हल के उपयोग पहले कौन किया था ?



 प्राचीन काल में, गोकुल के लोग शरद ऋतु में इंद्र की पूजा करते थे। अच्छे वर्षा के साथ साथ ओछी अनाज उगने किलिए ऒर भूमि के लिए जो पूजा वे कर रहे हैं,श्रीकृष्णा बलराम मिलकर पूजा का विरोध किया करते थे ओर  लोगों को मेहनती बनाने किलिए, बलराम ने अपने हल का उपयोग करके और पशुपालन और कृषि के महत्व को प्रसार किया करते थे । इसी उद्देश्य से श्री कृष्ण ऒर बलराम दोनों मिलकर गोवर्धन पूजा का आयोजन किए थे । हालांकि, इसी कारण इंद्र ने गुस्सा हो गए और भारी बारिश कर बाये थे और जैसे ही गोपपुर जलमग्न हुआ, गिर गोवर्धन पर्बत को श्री कृष्ण ने अपने उंगलियों से उठा लिया और गोकुल की लोगों को बारिश से बचाया।

  •  राधा का जन्म कैसे हुआ था ?


 राधा का जन्म इतिहास भी बड़ा विचित्र है । कहा जाता है कि राधा का जन्म मथुरा राबल गाँव में हुआ था । उनका जन्म संपन्न कमल के फूल के ऊपर हुआ था ओर कहा जाता है कि राधा के जन्म से 5 हजार साल पहले यमुना नदी यहां बहती थी । शास्त्रों के अनुसार, राधा की मां कृति ने हमेशा यमुना में स्नान करने के बाद बेटी कीलिए कामना करते थे । उस दिन भी, हमेशा की तरह, उसने यमुना में स्नान किया और एक दुल्हन की कामना की उसी समय मे उसके सामने एक स्वर्ण कमल देखाई दी और जैसे ही वह कमल के फूल के पास कृति लेकर पहुंचा तो, बह फूल खिलने लगे । फूलों के साथ एक छोटा सा सुनहरी कुमारी लड़की ने अपनी आँखें बंद कर के सोया था


हालांकि, राधा ने अपनी जन्म से ही नेत्रहीन हैं । जिस दिन उन्होंने भगवान श्री कृष्ण का नाम सुना, उसी दिन से उन्होंने अपनी आँखें खोलीं और दुनिया को देखा । राधा के नाम पर एक गाँव भी है, जिसे लोग बरसाना नाम से बुलाते थे । उस समय,कोंगसो की शासनकाल था । उसकी सेना के डर से, लोग गांव छोड़कर जंगल में भाग जाया करते थे ।  जब भी गपपुर में कांग्स के लोग आते थे, गाँव वाले पास की पहाड़ी पर चले जाते थे । इसलिए, पहाड़ी पर एक और गांव बनाया गया था, और इसका नाम बरसाना रखा गया था । उसी बरसाना गाँव मे राधाकृष्ण की प्रेम के प्रमाण आज भी जीवित हैं । बरसाना गांव में बगीचे में दो पेड़ हैं ओर उस दोनों पेड़ से एक की रंग में पीला है, जबकि दूसरा की रंग श्यामल ।

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