आज हम सभी भारतीय क्रिकेट टीम के उन पांच गेंदबाजों के नाम जानते हैं जिन्होंने अपने सर्वोच्च प्रदर्शन या अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए भारत को क्रिकेट (cricket world cup)विश्व कप जिताने में अहम भूमिका निभाई है।
World cup wining image |
क्रिकेट बिस्वकप में सबसे ज्यादा विकेट टेकर टॉप 5 इंडियन गेंदबाज । Cricket world cup top 5 indian wicket taker bowler
भारत और वेस्टइंडीज एकदिवसीय क्रिकेट विश्व कप के इतिहास में ऑस्ट्रेलिया की पीछे दूसरी सबसे सफल टीम हैं । ऑस्ट्रेलिया ने पांच विश्व कप जीते हैं, जबकि भारत और वेस्ट इंडीज ने दो दो विश्व कप जीते चुके हैं । भारत ने 2003 में फाइनल में जगह बनाई थी । भारत ने इसी तरह वह चार बार सेमीफाइनल में पहुंचा है । भारत की दोनों ओडीआई विश्व कप जीतने का श्रेय बैट्समैन को दिया जाता है । हालाँकि, टीम इंडिया की दो विश्वकप जीत में गेंदबाजों ने भी अहम भूमिका निभाई है ।
रोजर बिन्नी ने भारत की पहली विश्व कप जीत 1983 (most wickets taker in world cup)में सबसे अधिक विकेट लिए। इसी तरह, स्पिनर अनिल कुंबले 1996 विश्व कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे ओर 2011 बिस्वकप में भारतीय गेंदबाजों ने आपने अपने श्रेष्ठ खेल दिखाकर जीत में योगदान दिये थे । आइए नजर डालते हैं उन पांच गेंदबाजों पर जिन्होंने विश्व कप में भारतीयों टीम के लिए सबसे ज्यादा विकेट लिए।
- जहीर खान: 23 मैच, 44 विकेट 20.22 औसत
बाएं हाथ के इस भारतीय टीम के तेज गेंदबाज जहीर खान ने दो विश्व कप में अपनी महानता दिखाई है । ज़हीर खान ने दक्षिण अफ्रीका में 2003 विश्व कप में अपनी तेज गेंदबाजी से सभी को प्रभावित किया था । हालांकि, फाइनल मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया से हार गया था । 2011 में, ज़हीर की गेंदबाजी के लिए भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ एक महत्वपूर्ण मैच जीता था । जहीर ने श्रीलंका के खिलाफ फाइनल मैच में अपना पुराना जादू दिखाया था । जहीर खान 2011 विश्व कप में संयुक्त सर्वाधिक(highest wicket taker)विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। भारत ने 28 वर्षों बाद दूसरी बार कि लिए विश्व कप भी जीता । 2002 से 2014 के बीच 3 विश्व कप के मैच खेले,कर जहीर खान ने 20.22 औसत में 44 विकेट अपने नाम किया था ।
- जभागल श्रीनाथ: 34 मैच, 44 विकेट, 27.81 औसत
जगबल श्रीनाथ ने तीन बिस्वकप में भारतीय टीम के तेज़ गेंदबाज़ी का नेतृत्व किया था । 1992 में, श्रीनाथ भारोतीय क्रिकेट टीम का उभरते हुए तेज गेंदबाज थे । 1996 में, उन्होंने अपनी गेंदबाजी शैली में कुछ बदलाव किए थे जिसके कारण विकेट लेने में सफलता मिले थे । 2003 में दक्षिण अफ्रीका विश्व कप में उनका प्रदर्शन उतना बुरा नहीं था । हालांकि, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल मैच में, श्रीनाथ सहित अधिकांश भारतीय गेंदबाज महंगे साबित हुए थे । उसके बाद में, श्रीनाथ ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कीया था । हालांकि, विश्व कप में कुल 36 मैचों में, श्रीनाथ ने 27.81 की औसत से जहीर खान के साथ में समान रूप से 44 विकेट लिए हैं ।
मोहम्मद शामि |
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- मोहम्मद सामी: 11 मैच, 31 विकेट, 15.70 औसत
मोहम्मद सामी ने भारोतीय टीम में आज तक दो वनडे विश्व कप खेले हैं । 2015 और 2019 । हालांकि सामी ने व्यक्तिगत रूप से अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी, भारत दुर्भाग्य से दो विश्व कप के सेमीफाइनल के मैच में हार गया था । हालांकि 2015 विश्व कप से पहले सामी ने अच्छी फॉर्म में नहीं थे, फिर बी सामी ने भारत के चार सदस्यीय तेज गेंदबाजी टीम में अपनी जगह बनाए रखी थी । चार साल बाद, उन्होंने इंग्लैंड में 2019 बिस्वकप में अफगानिस्तान के खिलाफ महत्वपूर्ण क्वालीफायर मैच में हैट्रिक विकेट लिये थे । हालाँकि, उन्होंने इस विश्व कप के सभी मैच में नहीं खेले थे । मोहम्मद सामी, ने दो विश्व कप में 11 मैच खेले हैं, उन्हें अपनी मजबूत प्रतिभा के लिए जाना जाता है, जिन्होंने केवल 15.70 औसत पर 31 विकेट लिए हैं ।
- अनिल कुंबले: 18 मैच, 31 विकेट, 22.83 औसत
भारतीय क्रिकेट टीम का स्पिन दिग्गज अनिल कुंबले 1916 वें विश्व कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे । उन्होंने 2003 का बिस्वकप में भी खेला था । हालांकि, ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने उसी बिस्वकप ज्यादा मैच खेले । कुंबले 90 के दशक में भारतीय टीम किलिए विकेट टेकर गेंदबाजी थे । हालांकि, उन्हें उतने मौके नहीं मिले, जितने विश्व कप में बह खेले थे । अनिल कुंबले ने 18 एकदिवसीय बिस्वकप मैच खेले है और 31 विकेट अपने नाम किये थे ।
- कपिल देब: 26 मैच, 28 विकेट, 31.85 के औसत
भारत को अपना पहला विश्व कप का जीत दिलाने वाले महान ऑलराउंडर कपिल देब भारत के पहले असली तेज गेंदबाज थे। उन्होंने पूरी भारतीय टीम युबा पीढ़ी को तेज गेंदबाजी को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया । कपिल ने 1979 से 1992 के बीच चार विश्व कप खेले है । हालांकि, कभी भी ज्यादा से ज्यादा विकेट लेने में सक्षम नहीं थे । लेकिन उनका दृढ़ मनबल ओर आत्म विश्वास के प्रदर्शन में भारत की सफलता की ताला है । कपिल देब ने एकदिवसीय विश्व कप में 26 मैच खेले और 31.85 की औसत से 28 विकेट लिए । लेकिन वह भरतीय टीम को विश्व कप जीतने वाले भारत के पहले कप्तान हैं।
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